स्वकथ्य: अपने हृदय से सृष्टि का भीतरी और बाह्य अवलोकन एवम् सृष्टि की सार्थकता और कारण का चिंतन ही "कटाक्ष" है ।एक प्रगतिशील जीवन का वृत्तांत जब पुस्तक का रूप ले लेता है तो पुस्तक जीवंत हो जाती है ।यह पुस्तक कभी कविता की मूल प्रेरणा कारण एवम् विषयों से पाठक को मनोस्थिति का अवलोकन कराती है कभी इनके विभिन्न पक्षों से परिचय कराती है तो कभी भाषा और भावों से आप्लावित कर आनंद की सरिता बन जाती है । ये विषय एक अप्रतिम प्रणय की अनंत अपेक्षा के साथ सम्बन्धों की गरिमा और महत्त्व के संस्मरण जैसे हैं ।समाज की असमानताएँ पर्यावरण का सौंदर्य और सुरक्षा रूढ़ियों का खंडन असीम राष्ट्र-प्रेम एवम् हिंदी भाषा के प्रति प्रोत्साहन इसे एक उत्कृष्ट काव्य-संग्रह बनाते हैं ।सक्षमताओं के प्रति कृतज्ञता यदा-कदा किंकर्तव्यविमूढ़ता तर्क आत्मावलोकन और विरक्ति के विरोधाभास -- इन्हीं सब की व्यापकता विविधता और पक्षों के दृष्टिकोण आपको अवश्य ही "क्षितिज के उस पार" ले जाएँगे ।
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