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About The Book
Description
Author
‘क्या लिखूँ क्या लिखूँ’ मेरी द्वितीय पुस्तक है। इस पुस्तक को लिखने की यात्रा बहुत रोचक रही है। सर्वप्रथम तो लिखने से पहले मन में कई प्रश्न उठ रहे थे जैसे कि किस विधा में लिखूँ किस विषय पर लिखूँ? पर्यावरण पर लिखूँ भ्रूण हत्या पर लिखूँ या जल की समस्या पर लिखूँ। दिल कह रहा था सब विषयों पर लिख दो परंतु दिमाग सहमत नहीं था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ? मन मस्तिष्क के इस द्वंद्व में समय गुजरता जा रहा था। इसी बीच मैं बिटिया खुशी जो मेरी प्रथम श्रोता है से भी निरंतर पूछ रही थी कि क्या लिखूँ? आखिरकार एक दिन वह कह उठी अरे मम्मी क्या लिखूँ पर ही लिखो आप। तत्पश्चात् एक निरंतर कविता का जन्म हुआ जो क्या लिखूँ के रूप में आपके समक्ष है। एक लेखक की जिम्मेदारी को निभाते हुए मैंने प्रयास किया है कि अपनी पुस्तक ‘क्या लिखूँ’ के माध्यम से मैं समाज में व्याप्त समस्याओं मनुष्य के कर्तव्य इतिहास भूगोल संस्कृति आतंक सभी विषयों पर आप सभी का ध्यान आकर्षित कर सकूँ।कुछ पंक्तियाँ देखिए—शहर शहर कूड़े का पहाड़ लिखूँसंक्रमण बदबू की दहाड लिखूँफेफड़ों को मिलती हवा दूषित लिखूँया पशु-पक्षी भी कुपोषित लिखूँपर्यावरण की व्यथा लिखूँया गाडिय़ाँ दौड़ाने की प्रथा लिखूँसोचती हूँ मैं क्या लिखूँ?इसमें कहाँ तक सफल हो पाई हूँ यह पाठक वर्ग ही बता सकता है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है मुझे कि आपको मेरी यह पुस्तक पसंद आएगी।