Laddakh Ki Chhaya

About The Book

इस उपन्यास में लेखक ने भारत-चीन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर देश की प्रमुख समस्याओं का ऐसा मार्मिक चित्रण किया है कि पाठक भाव-विभोर हो उठता है। इसके रूपांतरकार प्रभाकर माचवे हैं। सफेद खादी में लिपटी सुमिता और भास्कर की यह कहानी सहज शालीनता भरी ऐसी कहानी है जो संस्कारों की विजय दास्तान से पाठकों केा रूबरू कराती है। यह उपन्यास साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।. About the Author भवानी भट्टाचार्य अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित उपन्यास शैडो फ्रॉम लद्दाख के लिये उन्हें सन् 1967 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस उपन्यास का दुनिया की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इस पुस्तक के हिन्दी अनुवादक प्रभाकर माचवे हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। इन्होंने मौलिक लेखन के अलावा विश्वप्रसिद्ध कृतियों का हिन्दी अनुवाद भी किया।.
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