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About The Book
Description
Author
नादान हैं अल्फाज़ हमारे इस की तुम जवानी सुनो बताएंगे हम सब कुछ इसकी तुम कहानी सुनो! हर लफ्ज़ के अपने-अपने मायने होते हैं। और जो इन लफ्ज़ों को समझ ले तो हर लफ्ज़ में वह राज़ छुपा सकता है। जो सोच-समझ कर बातें करते हैं राज़ अक्सर उन्हीं के अल्फाज़ों में होते हैं। जो अपने जज़्बातों को सबके सामने ज़ाहिर नहीं करते वही लफ़्ज़ों में राज़ छुपा जाते हैं। कहने के लिए अल्फ़ाज़ हर किसी के पास होते हैं लेकिन उसमें राज़ कहीं ना कहीं ज़रूर छुपे होते हैं। राज़ तो हर किसी के पास होते हैं कोई भरी महफिल में ज़ाहिर कर जाता है तो कोई लफ्ज़ों में छुपा जाता है। राज़ जब अल्फ़ाज़ों में छुपने लगते हैं तो हर किसी को लफ्ज़-ए-राज़ से मोहब्बत हो जाती है!