कहते है जिदंगी में हम सब कुछ कर सकते हैं कुछ भी असंभव नहीं । हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं जो हमने आज तक नहीं सोचा । मैंने भी वही किया भावी लेखकों के उत्थान के लिए अपनी सोच लेकर बस चल पड़ा और मुझे समझ आया कि हम अपने परिश्रम और सहयोग से अपने सारे सपनों को पूरा कर सकते हैं और इसी दृढ़ संकल्प का परिणाम है हमारी छठवीं किताब “लफ्ज़ों का कारवाँ” । यह मेरा स्वप्न था कि उन सभी लेखकों के सपनों को उड़ान दूँ जो प्रतिभावान होकर भी अपने लेखन की प्रतिभा को लोगों के समक्ष नहीं पहुँचा पा रहे हैं । मैं उन सभी लोगों को विशेष आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे इस कार्य में भरपूर सहायता दी और अपनी निष्ठा और सहयोग से इस कार्य को सफलतापूर्वक संपूर्ण कर मेरे उस स्वप्न को सच में परिवर्तित कर दिया ।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.