LAL PHOOL KA EK JODA


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About The Book

संग्रह में कुल ग्यारह कहानियाँ हैं। अच्छी और कुछ सामान्य। संग्रह की एक कहानी मुझे बहुत दुख देने वाली लगी। मुन्नी कहानी हमारे समय की उस सच्चाई को उजागर करती है जिसका सामना हम रोज़ करते हैं। मुन्नी एक गूँगी बहरी गरीब लड़की है। उसका मामा है रमेश। रमेश के लिए मुन्नी एक साफ्ट टारगेट है और वह मुन्नी का यौन-शोषण करता है। मुन्नी को गर्भ ठहर जाता है और वह आत्महत्या कर लेती है। यहीं कहानी की प्रोटेगनिस्ट सीमा का प्रवेश होता है। सीमा का मानना है कि मुन्नी की आत्महत्या वस्तुत हत्या का मामला है। वह रमेश को सज़ा और मुन्नी को न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष करती है। मुन्नी के परिवार का रवैया भी अमानवीय है। इस अमानवीयता और मनुष्यता विरोधी परिवेश में सीमा आशा का स्वर है। वह मुन्नी के लिए लड़ती है लेकिन सबूतों के अभाव में किसी को भी सज़ा नहीं होती। कानून की नाकामी तो सामने आती है लेकिन एक लंबे संघर्ष के बाद अपराधियों की आत्माएँ ज़रूर एक खोल में बंद हो जाती हैं। एक और बहुत ही मार्मिक कहानी है नानी के पास प्रेम का अपना दर्शन और अपना
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