Lalan Tiwari
shared
This Book is Out of Stock!

About The Book

‘यम-यमी’ मेरा पाँचवाँ कहानी-संग्रह है। इसकी कई कहानियाँ ‘कथादेश’‘परिकथा’ प्राची जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। संग्रह की कहानियाँ यथार्थ की भूमि पर कल्पना से रची गयी हैं जिसका साक्ष्य मेरे अतिरित्तफ़ कई पड़ोसी और मित्र हैं। यह सच है कि कहानी यथार्थ होते हुए भी पूरी तरह यथार्थ नहीं होती। कथा के पात्र-स्थान बदल कर उसमें नवीनता और कृत्रिमता लायी जाती है। उसका वह टीªटमेंट कथाकार के अनुभव-कौशल पर निर्भर करता है। वही भाषा-शैली की आत्मा भरता है। शायद इसीलिए कहानी के सच को झूठा कहना पड़ता है। यानी कहानी सच्ची नहीं झूठी है। पर यह बात मेरे दिल में नहीं उतरती। यदि सचमुच ही कहानी को घटनाक्रम से सही-सही लिऽ दिया जाए तो वह कहानी नहीं विवादास्पद रिर्पाेट बन जाती है कला -शैली से वंचित। मैंने कहानियाें में उसकी विषयवस्तु के अनुरूप विभिन्न भाषा-शैली का प्रयोग किया है एकरसता से बचाने के लिए। मेरे अपरिपक्व कलम के ट्रीटमेंट से यदि सच्ची घटना भी झूठ लगे तो इसके लिए पाठकों से क्षमा चाहूँगा।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
333
350
4% OFF
Paperback
Out Of Stock
All inclusive*
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE