Lockdown Me Jeevan


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

पीड़ा भय असुरक्षा अविश्वास- जैसे तत्त्व आपदा में बहुतायत मात्रा में होते हैं। ऐसे समय में विभिन्न उपक्रमों का क्रियान्वयन लोगों को राहत देता है।लॉकडाउन में जीवन हमारे प्रयास और ठहरे हुए समाज को बिम्बित करने का एक क्रमबद्धीकरण है। समाचार पत्रों-संगठनों की नजरों द्वारा कोरोनावायरस से उपजी परिस्थितियों एवं उसके विभिन्न आयामों को समेटकर इसे लिपिबद्ध किया है। चौधरी द्वारा इसके माध्यम से भारत में लगे ऐतिहासिक लॉकडाउन की प्रस्तुति आपदा में राज्य की गंभीरता तथा अगंभीरता एवं नागर समाज की भूमिका तथा हमारे व्यवहार प्रतिमानों पर विश्लेषण और समझ का अवसर प्रदान करती है। अपने को जानने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम विपत्ति ही होती है जो आपकी सभ्यता का परीक्षण करती है और अन्ततः यही मापक सिद्ध होती है। अनिल कुमार चौधरी द्वारा विगत 19 वर्षों से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी उत्तर प्रदेश के समाज कार्य विषय में अध्यापन के साथ-साथ सामाजिक मंचों पर वंचितों के मुद्दे उठाने का कार्य निरंतर करते रहते हैं। आपकी 05 पुस्तकें एवं 18 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। आपके द्वारा 06 परियोजनाएँ पूर्ण भी की गयी हैं। श्रम कल्याण जनसंख्या एवं जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष रूचि के अतिरिक्त समता न्याय व बंधुत्व के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुषों के दर्शन को सम्प्रेषित करने का कार्य भी इनके द्वारा किया जाता है।
downArrow

Details