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About The Book
Description
Author
25-26 जून 1975 की मध्यरात्रि को आपातकाल लागू किया गया था। बड़े-बड़े नेताओं को बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घरों से उठा लिया गया। जो किसी कार्यवश अपने शहर से बाहर थे उनके लौटने तक की प्रतीक्षा नहीं की गई उन्हें उस शहर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गज नेता को उनकी अस्वस्थता की स्थिति में बिना किसी पूर्व सूचना के गांधी शांति प्रतिष्ठान से गिरफ्तार कर लिया गया। सत्ताधीशों ने बूढ़े और बीमार जे.पी. की आयु का भी लिहाज नहीं किया था।कितनों को यह भी नहीं पता था कि उन्हें कहाँ लेकर जाया जा रहा है? कइयों के परिवारवालों को अपने आत्मीय के गिरफ्तार होने तक की सूचना नहीं थी! कुछ को अपनों की गिरफ्तारी के विषय में तो पता;था किंतु वे यह नहीं जानते थे कि उन्हें कहाँ रखा गया है?इमरजेंसी के पूरे दौर में राजनीतिक व्यक्तियों के अलावा लेखकों और पत्रकारों ने भी अत्यंत उत्पीडऩ झेला। फणीश्वरनाथ रेणु नागार्जुन भवानी प्रसाद मिश्र सुरेंद्र मोहन पाठक डॉ. रघुवंश मुरली मनोहर प्रसाद सिंह कुलदीप नैयर कुमार प्रशांत सूर्यकांत बाली विक्रम राव वीरेंद्र कपूर श्याम खोसला देवेंद्र स्वरूप दीनानाथ मिश्र प्रभाष जोशी रामबहादुर राय आदि पर आपातकाल का कहर बरसा लेकिन फिर भी ये लोग सरकार के आगे नहीं झुके।