भगवान शिव की पूजा देवों के देव महादेव के रूप में की जाती है। शिव का शाब्दिक अर्थ पावनता है। भगवान शिव बुराइयों का विनाश करके पवित्रता लाते हैं। भगवान शिव शक्तिशाली देवता माने जाते हैं। इनके पास असीम शक्ति एवं ऊर्जा है। उनके मस्तक पर तीसरा नेत्र विद्यमान है जो केवल बुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए खुलता है। वे अपने शरीर में श्मशान भूमि की भस्म रमाए रहते हैं। वे मृगछाला पहनते हैं। अपने गले में सांप लपेटे रहते हैं और उनके बालों में अर्द्धचन्द्र शोभायमान रहता है। उनकी जटाओं से गंगा बहती है। वे त्रिशूल एवं डमरू धारण किए होते हैं। नंदी बैल उनकी सवारी है। यह विश्वास किया जाता है कि भगवान शिव हिमालय की सर्वोच्च चोटी कैलाश पर्वत पर अपने परिवारजनों एवं परिचरों जिन्हें गण कहते हैं के साथ रहते हैं। देवी पार्वती उनकी पत्नी हैं एवं गणेश-कार्तिकेय उनके बेटे हैं। भगवान शिव को आदिपुरुष कहा जाता है जिसका अर्थ है-उनसे पहले कोई नहीं जन्मा। किसी को भी उनके आदि और अंत का ज्ञान नहीं है जो पूरे भक्ति-भाव से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें आसानी से मोक्ष मिलता है अतः आइए हम सब 'ऊँ नमः शिवाय' (अर्थात् भगवान शिव को प्रणाम ) का जाप करें।
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