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About The Book
Description
Author
मानस-11 प्रेम और दाम्पत्य भारतीय दर्शन में विवाह संस्था को सृष्टि का मूल आधार भी माना गया है। साथ ही प्रतिसृष्टि (विलय अथवा मोक्ष) भी। हमारे अध्यात्म के चारों अंगों शरीर-मन-बुद्धि-आत्मा के लिए पुरुषार्थ की व्यवस्था दी है। मोक्ष आत्मा का विषय है। कामना (काम) मन का क्षेत्र है। अर्थ शरीर चलाने की आवश्यकता है और धर्म हमारी बुद्धि को प्रज्ञा रूप देने का कार्य करता है। प्रस्तुत कृति में गुलाब कोठारी ने भारतीय दर्शन के आधार पर जीवन के इतने प्रमुख और महत्त्वपूर्ण विषय 'प्रेम और दाम्पत्य' की वर्तमान संदर्भ में सर्वथा नए चिन्तन, नई दृष्टि के साथ सरल विवेचना की है।