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About The Book
Description
Author
“ज़िन्दगी की कैसी विडम्बना है। मर्द एक स्त्री से दर्द लेकर आता है दूसरी स्त्री के पास दर्द कम करने के लिए।” यह एक प्रश्न है। स्त्री स्त्री है तो एक घरवाली और एक बाहरवाली दो भागों में कैसे बँट गई ? दोनों स्त्रियों के द्वारा मर्द को संतुष्ट किया जाता है लेकिन बदनाम कुछ ही स्त्रियाँ होती हैं। अनूठे प्रयोग के साथ लिखे गये साहसिक उपन्यास ‘मानसी के लेखक चन्द्रभान राही ने स्त्री मन की पीड़ा को विस्तारित किया है। स्त्री प्रेम के लिए मर्द को स्वीकारती है और मर्द स्त्री के लिए प्रेम को स्वीकारता है। स्त्री प्रेम के वशीभूत होकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए पहले दूसरे के सपनों को पूरा करती है। पुरुष प्रधान समाज के बीच स्त्री स्वयं उलझती चली जाती है। इच्छित पुरुष को पाने का असफल प्रयास करती स्त्री की आत्मकथा के माध्यम से जानिए कि प्रेम क्या एक अभिशाप है...?