आधुनिक समय में मधुमेह एक आम बीमारी बनती जा रही है। पूरे संसार तथा भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह दीर्घकालीन रोग एक धीमी मौत की तरह रोगी के गुर्दों को नष्ट कर देता है। हृदय रोग, कोमा की अवस्था तथा गैंग्रीन रोग भी इसी की देन हैं। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। परंतु जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा तथा खान-पान की आदतों में सुधार द्वारा रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। यदि रोग बढ़ जाए तो भी एलोपैथी तथा आयुर्वेदिक दवाओं, इंसुलिन व जीवनशैली में बदलाव द्वारा रोग पर काबू पाया जा सकता है।<br>स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही तथा अशिक्षा ही मधुमेह का प्रमुख कारण है। अनेक मधुमेह रोगी मधुमेह के कारण व सुधार के उपाय तक नहीं जानते।<br>डॉ. बिमल छाजेड़ (एम.डी.) एक जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने दिल्ली में 'साओल हृदय केंद्र' की स्थापना भी की है। डॉ. छाजेड़ ने जीवनशैली में सुधार तथा दवाओं के मेल से हृदय व मधुमेह रोगियों के लिए नवीन चिकित्सा पद्धति विकसित की है। ये योग, ध्यान, तनाव प्रबंधन, व्यायाम तथा आहार में बदलाव को बाइपास सर्जरी तथा एंजियोप्लास्टी का विकल्प मानते हैं। देश के सभी प्रमुख शहरों में नियमित रूप से उनकी कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
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