Mahapurushon Ke Upadesh


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

रोम्या रोलाँ ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था उनके द्वितीय होने की कल्पना करना भी असंभव है। वे जहाँ भी गए सर्वप्रथम हुए। हर कोई उनमें अपने नेता का दिग्दर्शन करता था। वे ईश्वर के प्रतिनिधि थे तथा सब उनसे प्रभावित हो जाते थे--यह उनकी विशिष्टता थी। हिमालय प्रदेश में एक बार एक अनजान यात्री उन्हें देख ठिठककर रुक गया और आश्चर्यपूर्वक चिल्ला उठा-- शिव ! यह ऐसा हुआ मानो उस व्यक्ति के आराध्य देव ने अपना नाम उनके माथे पर लिख दिया हो। प्रस्तुत पुस्तक में स्वामी विवेकानंदजी ने समय-समय पर रामायण महाभारत विश्व के महान्] आचार्यों की कथाओं से प्रेरक उपदेश अपने अभिभाषणों में दिए जो मानव-समाज के लिए बेहद उपयोगी हैं। इसलिए यह पुस्तक हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए ज्ञानवर्द्धछ के साथ-साथ जीवन में मार्गदर्शन करनेवाली है।
downArrow

Details