मैं भक्त हूँ ये एक काव्य संग्रह है इस पुस्तक में मैंने राजनीतिक सामाजिक प्रेम हास/परिहास आर्थिक उतार-चढ़ाव के साथ पर्यावरण और प्रकृति पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पुस्तक की मेरी कई रचनाएँ पाठकों को ठहाकों के साथ बहुत कुछ सोचने समझने एवं स्वजागरण के लिए प्रेरित करेगी । अगर आपको मेरा यह प्रयास सार्थक लगे तो कृपया मेरी रचनाओं को अपने आशीर्वाद स्वरूप हर भारतीय तक पहुंचाने में सहयोग करें ....मेघ वैरागी
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