मैं गुमशुदा कहानी है डिक्टेटिव गी रोलाँ की जो अपना असली अस्तित्व और बीती ज़िन्दगी की हकीकत जानने की खोज पर निकल पड़ता है। गी रोलाँ अपनी याददाश्त खो चुका है और शायद इसलिए अपने अतीत को जानना-समझना उसके लिए बहुत ज़रूरी है। जैसे-जैसे गी अपने जीवन के बीते वर्षों की परतें हटाता है तो उसे लगता है कि वह अपनी ज़िन्दगी में कई रूप कई अस्तित्व धारण कर चुका है। मैं गुमशुदा 2014 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक पात्रिक मोदियानो का सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है और उनकी अन्य कृतियों की तरह इसकी पृष्ठभूमि भी उनका प्रिय शहर पेरिस है। 1978 में प्रकाशित यह उनका छठा उपन्यास है और उसी वर्ष इसे Prix Goncourt पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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