Main Kavita Hun Part -2


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About The Book

About the Book: “मैं कविता हूँ” इस कविता संग्रह के विभिन्न कविताओं में माँ की ममता श्रींगार कही आह कहीं चाह कहीं दर्द कहीं देश के प्रति जज़्बा को दर्शाया गया है । समाज को कर्म पथ पर अग्रसर होने के लिए सिख भी देती है वहीं देश प्रेम की जज़्बा को भी जागृत करने का आहवाहन करती है। कुछ कविता सामाजिक समस्याओं पर भी चोट करती है। भाग २ में कुल ३५ कविताएँ हैं। आशा है आपको पसंद आएँगे About the Author: मैं अशोक सिन्हा गाँव की सोंधी मिट्टी की महक लेकर शहर के परिवेश में अपने को ढालते हुए झारखंड में स्थित देवघर जिला के आर. मित्रा स्कूल से नवम तक शिक्षा प्राप्त कर राज्य संपोषित उच्च विद्यालय पालोजोरी से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की । तत्पश्चात देवघर कॉलेज से अर्थशास्त्र प्रतिष्ठा में स्नातक की डिग्री प्राप्त किया तथा भागलपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की तथा टीएनबी लॉ कॉलेज से एलएलबी की परीक्षा पास की। कॉलेज के दिनों से ही मुझे लिखने का शौक रहा है कहानी भी लिखता हूं। कविताएं लिखने का मुझे विशेष शौक रहा है। मैंने जीवन की सभी विधाओं एवं तात्कालिक सामाजिक परिवेश पर लिखने का प्रयास किया है। मैं अपने प्रयास में कितना सफल हो पाया हूं गुणी पाठक ही बता पाएंगे ।
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