*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹182
₹250
27% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
पहले नेता जिनके संपर्क में मैं आया हालाँकि आश्वस्त नहीं थे लेकिन वह ईश्वर के अस्तित्व को नकारने का साहस नहीं कर सकते थे। भगवान् के बारे में मेरे लगातार सवालों पर वह कहा करते थे जब भी आप चाहें प्रार्थना करें। अब उस पंथ को अपनाने के लिए नास्तिकता रहित साहस की आवश्यकता थी।दूसरे नेता जिनके संपर्क में मैं आया वह दृढ़ आस्तिक थे। मुझे उनके नाम का उल्लेख करने दें सम्मानित साथी शचींद्रनाथ सान्याल जो अब कराची षड्यंत्र मामले में आजीवन कारावास की सजा भोग रहे हैं।उनकी प्रसिद्ध और एकमात्र पुस्तक बंदी जीवन (या अव्यवस्थित जीवन) के हर पहले पृष्ठ पर भगवान् की महिमा को गाया गया है।उस सुंदर पुस्तक के दूसरे भाग के अंतिम पृष्ठ में उनके रहस्यवादी (वेदांतवाद के कारण) भगवान् पर की गई प्रशंसा उनके विचारों का एक बहुत ही विशिष्ट हिस्सा है। —इसी पुस्तक सेमाँ भारती के अमर सपूत भगत सिंह देशभक्ति साहस शौर्य त्याग निष्ठा और समर्पण का पर्याय हैं। भारत को पराधीनता की बेडिय़ों से छुड़ाने के लिए उन्होंने अपना जीवन होम कर दिया; उनके इस बलिदान पर हमें गर्व है। वे जितने श्रेष्ठ क्रांतिकारी और स्वाधीनता सेनानी थे उतने ही श्रेष्ठ चिंतक-विचारक- लेखक भी थे। समय-समय पर उन्होंने अपने लेखों से समाज में चेतना जाग्रत् की; क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित की ताकि हर भारतीय स्वाधीनता संग्राम में सहभागी बने।इस पुस्तक में संकलित लेख हुताम्या भगत सिंह के गहन अध्ययन चिंतन और भावाभिव्यक्ति की अंतर्दृष्टि देते और तत्कालीन समाज का दिग्दर्शन भी करवाते हैं।