Main Pakistan Mein Bharat Ka Jasoos Tha


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About The Book

मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस था – मोहनलाल भास्कर जासूसी को लेकर विश्व की विभिन्न भाषाओँ में अनेक सत्यकथाए लिखी गई हैं जिनमे मोहनलाल भास्कर नमक भारतीय जासूस द्वारा लिखित अपनी इस आपबीती का एक अलग स्थान है ! इसमें 1965 के भारत-पाक युध्ह के दौरान उसके पाकिस्तान-प्रवेश मित्रघात के कारण उसकी गिरफ़्तारी और लम्बी जेल-यातना का यथातथ्य चित्रण हुआ है! लेकिन इस कृति के बारे में इतना ही कहना नाकाफी है क्योंकि यह कुछ साहसी और सूझबूझ-भरी घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है बल्कि पाकिस्तान के तत्कालीन हालत का भी ऐतिहासिक विश्लेषण करती है! इसमें पाकिस्तान के तथाकथित भुत्तोवादी लोक्तान्रा निरंतर मजबूत होते जा रहे तानाशाही निजाम तथा धार्मिक कठमुल्लावाद और उसके सामाजिक-आर्थिक अंतर्विरोधों को उधान्दने के साथ-साथ भारत-विरोधी षड्यंत्रों के उन अन्तराष्ट्रीय सूत्रों की भी पड़ताल की गई है जिसके एक असाध्य परिणाम को हम ‘खालिस्तानी’ नासूर की शक्ल में झेल रहे हैं! उसमें जहाँ एक और भास्कर ने पाकिस्तानी जेलों की नारकीय स्थति जेल-अधिकारीयों के अमानवीय व्यव्हार के बारे में बताया है वहीँ पाकिस्तानी अवाम और मेजर अय्याज अहमद सिप्रा जैसे व्यकी के इंसानी बर्ताव को भी रेखांकित किया है !
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