Manas-Ganga : Shrihanumanchalisa Chalisa mein Manas (मानस-गंगा : श्रीहनुमानचालीसा चालीसा में मानस)

About The Book

श्रीहनुमानचालीसा (तुलसीकृत) एक अत्यन्त लघु सद्ग्रन्थ होने के बावजूद एक बहुत ही शक्तिशाली ग्रन्थ है जिसका प्रभाव त्वरित परिलक्षित होता है। इसलिए यह विश्व में सबसे ज्यादा गाये जाने वाला लघु सद्ग्रन्थ है।<br>इस लघु पुस्तिका 'मानस - गंगाः- श्रीहनुमानचालीसा - चालीसा में मानस' में श्रीहनुमानचालीसा को गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस से जोड़ने का प्रयास किया गया है। यह एक अनूठा प्रयोग है। जिससे पाठकों को मानस (रामायण) से कुछ विशेष अंश- चौपाई और दोहे और सम्पूर्ण श्रीहनुमानचालीसा एक साथ एक ही जगह उपलब्ध हो सकेंगे। इसके परिणाम स्वरूप पाठकगण समानान्तर दोनों का ही पाठ कर सकेंगे।<br>• श्रीहनुमानचालीसा:- 'चालीसा में मानस' का उद्देश्य पाठकों को श्रीहनुमानचालीसा के साथ-साथ श्रीरामचरितमानस का परायण करने का अवसर प्रदान करना है।<br>• श्रीहनुमानचालीसा के साथ मानस- रामायण का पाठ करना श्री हनुमान जी द्वारा एक शुभाशीष और अभय प्रदान करता है।<br>• इससे पाठकों को श्रीरामचरितमानस में वर्णित विशेष प्रसंगों व परिस्थितियों का एक संदर्भ व परिप्रेक्ष्य प्राप्त होगा जो श्रीहनुमानचालीसा के पाठ-पठन को सार्थक कर देगा।<br>• श्रीरामचरितमानस के माध्यम से श्री हनुमानजी के पुनीत चरित्र उनके कर्म योग ज्ञान योग और भक्ति योग की महिमा को पाठकगण आत्मसात करने में सक्षम होंगे।
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