Manogat


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About The Book

About the Book विगत दो-तीन दशकों से समाज में व्याप्त पारिवारिक आर्थिक सामाजिक वातावरण स्वतः मन को अशांत कर देता है । जिसे रचनाकार का दुविधाग्रस्त मन सोचने के लिए विवश हो जाता है कि समाज में इतनी विसंगतियाँ आख़िर क्यों हैं? इन विसंगतियों के ही कारण मनुष्य दुःखी है और उसी तनाव भय एवं आशंकाओं में जीवन व्यतीत कर रहा है । आखिर क्यों? इन प्रश्नों का उत्तर खोजना ही एक रचनाकार के अन्तर्द्वन्द का विषय होता है जिसकी अभिव्यक्ति के लिए सही दिशा चयन करता है । जब वह अपनी अनुभूतियों हेतु साहित्य की किसी भी विधा को आधार बनाकर विशिष्टता से अपने भावों को दर्शाता है तब ही उसे संतुष्टि की प्राप्ति होती है । “मनोगत” मेरी तृतीय एकल पुस्तक है किंतु विशेष रूप से लघुकथा विधा के अंतर्गत “मनोगत” मेरी प्रथम एकल लघुकथा संग्रह है । About the Author श्रीमती अमिता मराठे का जन्म 8 अगस्त सन् 1947 में मध्यप्रदेश में हुआ। उनकी स्नातक तथा स्नातकोत्तर की शिक्षा मध्यप्रदेश के इंदौर के “देवी अहिल्या विश्वविद्यालय” से सम्पन्न हुई। श्रीमती अमिता मराठे सन् 1988 से ही देश की ख्याति प्राप्त संस्था ‘इंदौर डेफ बाइलिंगुअल एकेडमी (IDBA) मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित के सचिव पद पर हैं। श्रीमती अमिता मराठे के विस्तृत रचना संसार में आलेख निबन्ध संस्मरण पत्र साक्षात्कार कविता लघुकथा कहानी यात्रा वर्णन आदि शामिल हैं। इनकी दो एकल पुस्तक ‘नई दिशा’ (बाल कथा) एवं ‘जीवन मूल्यों के प्रेरक प्रसंग’ प्रकाशित हो चुकीं हैं।
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