Mara Pitaji Na Jivan Ni Ek Bhul
Gujarati


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About The Book

About the Book: भरत जाडेजा एक युवा लड़का है। एक दिन उनके मोहल्ले में एक आदमी किसी औरत को सराजाहेर पीटता है। भरत जाडेजा को देखा नहीं जाता और वह उस आदमी को दौड़ा दौड़ा के पिट देता है। बाद में पता चलता है की वह एक PSI था। यहां से उसकी जिंदगी बदल जाती है। गुनाह की जिंदगी में वह बहोत आगे बढ़ जाता है। एक दिन किसी नेता के कहने पर वोह रोड पे दुकाने बंद करवाने निकल पड़ता है। उस वक्त उस से एक बहोत बड़ा कांड हो जाता है। यही से उस की लाइफ में चेंज आता है और उस का जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। About the Author: मैं अहमदाबाद गुजरात से हु। जैसे सभी की ज़िंदगी में उतार चढ़ाव होते है वैसे मेरी ज़िंदगी भी ऐसी ही रही है। 1993 में हाईस्कूल के बाद कॉलेज ज्वाइन की मगर पारिवारिक दिक्क्तों की वजह से छ महिने मे ही कॉलेज छोड़नी पड़ी और नौकरी की और रुख किया। फिर शादी दो बच्चे (श्रध्धा और नीलेश) मतलब रूटीन लाइफ। लेकिन एक रंज हमेशा रहता था की मैं कॉलेज पूरी कर नहीं पाया। लेकिन बच्चे हाईस्कूल में पढ़ रहे थे तब मैने भी ठान ली की मैं भी अपनी कॉलेज पूरी करूँगा और हाईस्कूल के बिस साल बाद मैने अपनी कॉलेज कम्प्लीट की। मेने इकोनॉमिक्स के साथ अपना ग्रेजुएशन 2013 में पूरा किया। उस के बाद सात साल ओर गुजर गए फिर कॉलेज ज्वाइन की ओर 2020 में मेने जर्नालिजम की डिग्री हासिल की। जीवन निर्वाह के लिए सभी कुछना कुछ तो करते है तो इस में मैं भी शामिल हु। एक दिन बुखार आया और शरीर में वीकनेस की वजह से आराम कर रहा था। तभी मन में एक शब्द उभर के आया तुरंत मेने मेरी लड़की को बोला की जल्दी से मुझे एक नॉट और पेन दे। उसने वोह दिया ओर उस एक शब्द के आधार पे मेने करीब 200 पेज लिख डाले। वोह एक शब्द था इबु । लेकिन वार्ता लिखते लिखते उस का अंत लिख नहीं पाया ओर किताब अधूरी रह गई। मैं इसके अंत के लिए श्योर नहीं था।
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