लेखिका मेघना मेहरा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान ने में स्नातक किया है। वह देश की पहली अलैंगिक छात्र नेता है।वे ऑल इंडिया क़्वीर असोसिएशन नाम की संस्था की संस्थापक भी है।मेघना इस बात से परिचित हैं कि कैसे जेंडर विभेद जीवन के सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक पहलू को प्रभावित करता है।लेखिका का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ है। वे इस बात से भली-भांति परिचित है कि कैसे महानगरों और विश्वविद्यालयों में आज भी एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय और महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।इस किताब को यह नाम ''मैरेज़ ऑफ कन्विनियंस '' लेखिका को उनके अनुभवों से प्राप्त हुआ है। समलैंगिकता के अपराध होने के कारण लोग इस तरह की शादियाँ करते हैं या ऐसे रिश्तों में बंध जाते है। समलैंगिकता का अपराध की श्रेणी से बाहर आना निश्चय ही एक बड़े संघर्ष की तरह बढ़ाया गया पहला कदम है लेकिन होमोफोबिया और ए-फोबिया देश के ग्रामीण और शहरी वर्गों और समूहों के बीच में अब भी अपनी जड़ें जमाये हुये बैठा है।
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