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About The Book
Description
Author
मानस की कथा एक ऐसी कथा है जिसे बार-बार पढ़ने को मन करता है। हर बार कुछ नवीनता का आभास होता है तथा कुछ नए अर्थ समझ आते हैं। कई बार नए प्रश्न भी उठते हैं जिससे फिर एक बार अध्ययन करने की इच्छा जाग्रत् होती है।श्रीरामचरितमानस के सातों सोपान उच्च कोटि के कवित्व व जीवन संदेशों से परिपूर्ण हैं पर इनमें सबसे अधिक पढ़ा-सुना जाने वाला भाग सुंदरकांड है।सुंदरकांड में तुलसीदासजी ने प्रभु श्रीराम के परमभक्त हनुमानजी को नायक के रूप में प्रस्तुत किया है। विभीषण की प्रभु-भक्ति भी दरशाई है। प्रभु का अपने भक्तों के प्रति प्रेम व कृपाशीलता का वर्णन बहुत ही सुंदर शब्दों में किया है।इस पुस्तक में सुंदरकांड की कथा को सरल शब्दों में प्रस्तुत करते हुए उन सूत्रों पर ध्यान दिलाया गया है जो हमारे जीवन में सदा सहायक होंगे।प्रस्तुत हैं मानस के सरोवर से कुछ रत्न जो आपके जीवन में सुख-संतोष-समर्पण-भक्ति का सूत्रपात करेंगे।यह पुस्तक एक छोटा सा प्रयास है मानस के सरोवर से कुछ मुक्ताएँ चुनने का कथा में वर्णित दृष्टांतों से आधुनिक जीवन के लिए मार्गदर्शन ढूँढ़ने का प्रभु श्रीराम का गुणगान करने का।