*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹263
₹300
12% OFF
Hardback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न! बिल्कुल ऐसी कि माचिस की एक डिब्बी में समा जाएँ। इस पुस्तक में लेखिका ने अपने समाजोपयोगी विचारों और भावों को ‘मैच बॉक्स 81’ में डाला है। जरा जलाइए न उसको। कैसी नीली पीली लाल गुलाबी ‘लौ’ छोड़कर अचानक बुझ जाती है वो नन्हीं सी तीली। ऐसी ही नन्हीं-नन्हीं कहानियों की शक्ल लिये ये ‘तीलियाँ’ मतलब कि ये छोटी-छोटी कहानियाँ हैं जो अपने ज्ञान की रोशनी से पाठकों के जीवन को प्रकाशमान करेंगी। लेखिका ने इन कहानियों के माध्यम से जीवन की छोटी-छोटी लेकिन महत्त्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए एक व्यावहारिक ताना-बाना बुनने का कुछ इस प्रकार से प्रयास किया है कि कहानी भीतर तक झकझोर देनेवाला एक सवाल उठाकर खत्म हो जाती है। जीवन के अंधकार से निकलने का एक छोटा सा प्रयास है ये पठनीय कहानियाँ।.