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About The Book
Description
Author
स्टीव जॉब्स उस वक़्त सिर्फ़ 16 साल के थे जब उनकी मुलाक़ात स्टीफन वोज़्नैक से हुई और इस मुलाक़ात का नतीजा निकला विश्व की सॉफ़्टवेयर क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एप्पल की शक्ल में। जब सर्गे ब्रिन और लैरी पेज स्टैनफोर्ड में एक दूसरे से मिले थे तब वो दोनों किशोरावस्था में थे। इस मुलाक़ात के बाद बहुत जल्द उनकी नियति में गूगल की शुरुआत करना लिखा था।आज के किशोर हमारी अब तक की सबसे जानकार और योग्य पीढ़ी हैं। आज के किशोर कल के उद्योगपति निवेशक प्रबंधक नीति निर्धारक और उपभोक्ता हैं। लेकिन क्या ये किशोर जानते हैं कि इन सबसे जुड़ा कॉर्पोरेट जगत आख़िर क्या है? कैसे यह व्यापार जगत सभी के जीवन को कहीं न कहीं छूता है। आख़िर एक उद्योगपति को सफल बनाने वाले कारक कौन से होते हैं? एक कंपनी की पूरी व्यवस्था किस धुरी पर टिकी रहती है? सामाजिक उद्योगपति कौन है? और हमें व्यापार की ज़रूरत आख़िर क्यों है? व्यापार हमारे लिए अच्छा है या फिर बुरा?अगर इस क़िस्म के सवाल आपके जेहन में भी उभरते हैं तो आइए सुब्रोतो बागची और कुछ चतुर किशोरों के इस खोजपूर्ण एमबीए सफ़र में शामिल हो जाइए। यह सफ़र आपके बहुत से सवालों के जवाब देगा और बहुत कुछ नया खोजने को प्रेरित भी करेगा।