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About The Book
Description
Author
प्रस्तुत काव्य संग्रह मेरा देशतंत्र मेरा देश भारतवर्ष और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में छिपे हुए एक तंत्र की और इशारा है इसकी भाषा को सरल व आम बोलचाल की भाषा में पिरोने का मेरा प्रयास रहा है |आज़ादी से अब तक के भारत की तस्वीर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है | समस्याएँ जैसी देखी वैसी ही प्रस्तुत करने का प्रयास हुआ है | कवि ह्रदय में कभी ग्लोबल पोलुशन छाया था तो कभी हथियारों की होड़ का मामला | कभी ट्रम्प और किम को कोसा तो कभी नुक्लेअर विकिरण के दर्द में सरकारों को हिदायत दे दी | अधिक दर्द से बढ़े साहस के लिए क्षमा भी चाहता हूँ |देश के मसले हो या दुनिया के देशतंत्र में पिरोने का भी प्रयास है | विचार और भावनाओ को जैसे के तैसे रखने का भी प्रयास है | योग डे जीस टी नोटेबंदी कला धन जजों का दर्द मज़दूर और किसान के दर्द लाभ-हानि को समझने व समझाने का भी प्रयास है | जो अच्छा लगे प्राप्त करे जो न लगे उसे अन्यथा न ले मेरी प्राथना है कई मुद्दों पर विचार भिन्न हो सकते है | कवि व लेखक जो देखते व महसूस करते है उसी पर लिखना का प्रयास करते है |धन्यवाद् मदन मोहन