यह विषय एक माँ और गोद लिए हुए बेटे की जिंदगी पर आधारित है। एक पढ़ी लिखी कमाऊ औरत को संबिधानिक अधिकार है कि वो एक बच्चे को गोद ले सकती है। मग़र उसी औरत ने अगर शादी से पहले यही निर्णय ले लिया तो हमारे ज़माने में क़यामत आ जाती है। मग़र दुनियाँ की परवाह ना करते हुए उसी औरत ने बच्चे को अपनाया वह भी अपनी शादी से दूर होकर। और किस तरह से उसने परेशानियाँ झेलकर बच्चे को बड़ा किया यही इस कहानी की विशषता है। दुनियाँ के लिए एक आईना है और प्रेरणा भी है।About the author:कवयित्री मंजुलता मोहपात्रा २५ सालोँ से साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न विषयों में लिखती आ रही हैं। उनकी लिखी गयी लगभग ८ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी मराठी तथा ओड़िआ भाषा में भी वो लिखती हैं। हाल ही में इनके द्वारा लिखी गयी एक कहानी पुस्तक “वह कौन थी” का वर्ल्ड्वाइड प्रकाशन तथा वितरण हो चुका है। झंकार इनकी पहली कविता लेखन की किताब है।
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