इस पुस्तक में माता-पिता के प्यार से लेकर बेटियों के साथ हो रहे अन्याय का जिक किया हुआ है। किस तरह आज लोग अपनों से बिछड़ रहे हैं व अपनी अलग दुनिया बना रहे हैं। आज की इस स्वार्थी दुनिया को पटरी पर लाने की जरूरत है ताकि सभी खुश रह सकें व अपने स्वार्थ को छोड़ लोगों की मदद करें। इस पुस्तक में युवाओं का भी जिक आता है कि किस तरह आज युवा नशे की लत में डूबे हुए हैं व किस तरह वे अपने आपको इससे बचाकर देश की तरक्की में हाथ बँटा सकते हैं। आज के इस युग में अंधविश्वास को नकार यह पुस्तक खुशी से व सरल जीवन जीना सीखाती है। लेखक देवेन्द्र का जन्म 19 जुन 1997 को हाटपीपल्या जिला देवास में हुआ। उनकी माता का नाम श्रीमती ज्योति सोलंकी व उनके पिता का नाम श्रीमान् कृपाल सोलंकी है। उन्होंने दसवीं की परीक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय मानपुर जिला इन्दौर से पास की है एवं जवाहर नवोदय विद्यालय चंद्रकेसर बाँध जिला देवास से वाणिज्य संकाय से कक्षा बारहवीं पास की। वे वर्तमान में श्री अटल बिहारी वाजपेयी शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इन्दौर में BBA फाइनल वर्ष के छात्र हैं।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.