Meri Tanhaiyon Ka Suhana Safar

About The Book

कविता ही साहित्य की वह विधा है जो किसी व्यक्ति की व्यथा-कथा और अनुभूतियों को उसके आत्ममंथन और चिन्तन के बाद शब्दों की श्रृंखला के रूप में पिरोकर पाठकों और श्रोताओं को सुन्दर सुगम और सुलभ माध्यम से प्रस्तुत करती है। जिसमें कवि अपनी अभिव्यक्ति को रस और छन्दों की विधिवत् श्रृंखला में रचता है।इसलिये कविता का शाब्दिक अर्थ काव्यात्मक/गेय प्रस्तुति माना जाता है लेकिन आज कविता भी ऐसी ही नहीं रही क्योंकि किसी गद्य को भी बिना रस छन्द और तुकबन्दी के गेय रूप में प्रस्तुत न करके गद्य को पढ़कर या सुनाकर श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिये जाने को भी गद्य काव्य माना जाता है। ये वही काव्य है जो उर्दू में नज्म के रूप में जाना जाता है।मैंने भी इस कविता संग्रह “मेरी तन्हाइयों का सुहाना सफर” में कुछ ऐसी ही कविताओं गीतों और जिंगल लिखकर हिन्दी साहित्य में एक अभिनव प्रयास किया है जिससे जनमानस का मनोरंजन तो होगा ही होगा लेकिन इसके साथ मेरी कविताओं में व्याप्त अन्तरदर्शन और पर्याप्त पर्यवेक्षण जन-जन में एक अनोखी जानकारी और प्रस्तुतिकरण के पुनरुत्पादन से ओत-प्रोत होगा। इसलिये रचनाओं का पठन-पाठन करके लाभान्वित अवश्य हों।स्मरण रहे कि मेरी लोकप्रियता आप सभी सुधी श्रोताओं के स्नेह के अमृतरस से ही अभिसंचित होगी इसलिये अपनी प्रति आज ही खरीदें और कल की प्रतीक्षा न करें।
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