Mishan Garv Se Kaho Hum Shudra hain

About The Book

हिन्दू धर्म में जातिवाद के कारण अपने आप को उच्च और दूसरे को अपने से नींच समझना ही ब्राह्मणवाद है और यह एक मानसिक बीमारी भी है. यह मानवता के लिए कलंक सामाजिक जघन्य अपराध तथा देश की प्रगति के लिए बाधक भी है. ब्राह्मणों द्वारा शूद्रों पर सदियों से नींचता का टैग लगाना दुर्भाग्यपूर्ण रहा है लेकिन उससे भी क्रूर चिन्तनीय और दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि शूद्र उस नींचता के टैग को निकालने की कभी कोशिश भी नहीं करता है. इसलिए शूद्रों को भी उच्चता का एहसास दिलाते हुए उनमें मानवतावादी व विज्ञानवादी सोच पैदा करने की दिशा में लेखक का एक छोटा सा प्रयास है.
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