Modern Distraction

About The Book

शुरू से लेकर अब तक कथा साहित्य न जाने कितने मोड़ों से होकर गुजरा है । प्रत्येक दौर में कथा साहित्य एक नए शिल्प और नए कलेवर के साथ प्रस्तुत हुआ है । आदरणीय चंदन जी की यह रचना आज के भारत में ग्रामीण विस्थापन को दर्शाती है। समाज शास्त्री अक्सर यह मानते हैं कि शहरों में जाकर बसना ग्रामीणों के मन में बैठे सपने का परिणाम होता है। इस उपन्यास की कथा पूर्वी भारत के लाखों-करोड़ों उन विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करती है जो भविष्य के सपने लिए महानगरों में आते हैं कई प्रकार की यातना और पीड़ा झेलते हैं और अंततः या तो कुछ हासिल करते हैं या फिर गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। रघुआ से साहेब रघु बनना आसान नहीं। यह कथा जीवटता और संघर्ष दोनों के तालमेल के साथ आज की पीढ़ी को प्रेरणा देती है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि पाठक इस रचना को अपार स्नेह से सिंचित करेंगे और भाई चंदन जी की रचनाशीलता प्रकाशित होती रहेगी । --- अरविंद मिश्र (संस्थापक साधना आईएएस )
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