प्रस्तुत कहानियों की भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। अधिकांश कहानियों की कथाभूमि शहरी मध्यवर्ग से संबद्ध है। इन कहानियों को स्व. मोहन राकेश की धर्मपत्नी अनीता राकेश के निर्देशन में संपादित किया गया है। इस संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें मूल पाठ के साथ दिया गया है।.About the Authorमोहन राकेश नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। पंजाब विश्वविद्यालय से आपने हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम. ए. किया और फिर जीविकोपार्जन के लिए अध्यापन से जुड़े। कुछ सालों तक आपने सारिका के संपादक रहे। आषाढ़ का एक दिनआधे अधूरे और लहरों के राजहंस आपकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं।.