इस पुस्तक में मनुष्य जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे मानवीय भावनाएँ प्रेम अभिव्यक्ति भिन्न-भिन्न आचार-विचार एवं व्यवहार का समावेश है। लघु कहानियों के माध्यम से आपसी संबंध और सामाजिक सोच एवं मान्यताओं को दर्शाया गया है। मनुष्य अपनी सोच और मन के द्वारा लिए हुए निर्णय के फलस्वरूप प्रतिक्रिया का संपादन करता है और अपने ही मोहपाश की मृग मरीचिका में फँसा रहता है। मानवीय संवेदना और सहिष्णुता ही एक सामंजस्यपूर्ण खुशहाल समाज को बढ़ावा देती है।मन माया से बँधा हुआमोहपाश में फँसा हुआमन करता कभी अठखेलियाँकभी होती गहराइयाँव्यर्थ ना यह जीवन जाएकुंदन बन सँवर जाएअवचेतन से चेतन का मंथन करना होगाअंतर्द्वंद्व करना होगामन माया से बँधा हुआमोहपाश में फँसा हुआ।
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