Muktaanchal

About The Book

ना जाने ये कैसी याचना है उस प्रीतम से जिससे अलग हो जाने की कल्पना ही असह्य है । वाकई क्या प्यार इंसान को इतना कमजोर बना देता है? शायद... मगर कभी कभी आपकी यही कमजोरी आपके सामने आपकी मजबूती बनकर खड़ी हो जाती है । जहाँ तक मैंने मुक्ता जी को समझा है तो यही पाया है कि वक़्त के थपेड़ो नें उन्हें आत्मस्वालम्बी ही नहीं बल्कि एक सशक्त नारी के रूप में स्थापित किया है । मुक्ता टोप्पो जी की ये पहली काव्य संग्रह है अक्सर रचनाएं अतुकांत हैं कहीं कहीं शब्दों की पकड़ कमजोर होती नज़र आती है मगर फिर भी वो अपने भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करने में सफल रही हैं । हर लेखक की तरह उन्हें भी अपनी इस काव्य संग्रह से काफी उम्मीदें है और इसमें कोई शक नहीं कि ये पठनीय है ।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE