Musaafir Phir Na Aaega
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About The Book

गरीब भी छपते हैं किसान भी छपते हैं मजदूर भी छपते हैं पर ये सब किसी कम्पनी या सरकार के विज्ञापन में छपते हैं अपने वक्तव्यों के साथ नही अब घर के अन्दर भी घर है कैसे कहें पूरा घर है गांव जवार रोता जन है तन्त्र मगन है सर पर भार निढाल तन है ( इसी संग्रह से ) प्रकाशित पुस्तक:- माटी के लाल सूरज की छाँव में आखरी शहतीर सम्पर्क:- पोस्ट गण्डारा तहसील कैसरगंज जनपद बहराइच उ0 प्र0 271903 मो0 न0 9839373032
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