Naagwar


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About The Book

अपने परीवार सहित आविष केदारनाथ की यात्रा से लौट रहा था की तभी एक भयानक भुकंम हुआ आविष अपने परीवार से बिछड़कर गंगा नदी की गहराईओ से होते हुए कैलाश पर्वत की गुफाओ में जा पहुंचता है। जहा उसके साथ कुछ ऐसा होता जिसके बाद उसके सामान्य जीवन असामान्य हो जाता है। कैलाश की उन गुफाओ में उलझे हुए आविष की गैरहाजिरी में नागेश्वर नाम के एक बिजनेसमैन ने भारत का पुरा तंत्र ही उलट पुलट कर रख दीया। फीर कुछ वर्षो बाद पारवती नामक एक लड़की के केदारनाथ आगमन से आविष फीर से धर्ती पर लौट आया और नागेश्वर की तलाश में जुट गया आखीर कौन है ये नागेश्वर? और आविष क्यु उसे ढ़ुढ रहा है जान ने के लिए पढें इस कहानी का पहला भाग नागवर!!। About the Author: एक बडे गुजराती परीवार में पैदा हुए हार्दिक का जीवन काफी कठिनाई से भरा रहा। दस्वी कक्षा में विफल होने के बाद से हार्दिक को कई जगहों पर नौकरीया करके घर का सहारा बनना पडा पर अपनी मुश्किलों भरे हालातो से सीखते हुए हार्दिक अपने अंदर के लेखक से मीले और उन्होंने अपनी पहली कीताब नागवर लीखी ।
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