Naari Ki Vivashta

About The Book

#मोटिवेशनल विचार#। लेखक (आलोक कुमार..) धर्मो से लोग जोड़ दिये कर्मो को पीछे छोड़ दिये-2 । बातें करते थे बड़ी -2 । कुछ पल में साथ छोड़ दिये ।। ये दुनिया भूख प्यार जोगी । कह -2 के विश्वास तोड़ दिये ।। ना कोई जीव पृथ्वी पे ना कोई मन में है। देखो अच्छे -2 शमशान में जल के राख हुए ।। जीवन बड़ा एक तन जोगी । कुछ पल का एक खिलौना ।। ये धन्य जीव जो ईश्वर बनाये । जो हर अंगार से बने फौलादी थे ।। जो इच्छा का जीव शोध करे । जग संसार उसे तरासे ।। ये मोह माया की नगरी । जीवन को भय तिराशा ।। जो शब्दों से पग भेस बदल दे । वो पल जीवन का कांटा ।। ममता की भेद विलासी । जीवन जन मन का नाता ।। जो अंगारे से लिपट गया । वो हर इतिहास के पन्ने में छीप जाता है ।। धर्मो से लोग जोड़ दिये कर्मो को पीछे छोड़ दिये -2।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE