*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹216
₹249
13% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
A book of written with the thousands of unfelt emotions read out with a thousands of muted voices! A book dedicated to the great departed soul of Dr. Rahat Indori. रोज़ाना उन लहरों से सामना हो जाता है जो इस इंसानी ज़िस्म और उसमें लगे दिल को ये एहसास दिलाते रहते हैं कि अभी जिन्दा हो और लड़ाई काफी बाकी है! यह पता लगते ही मुसाफ़िर-ए-आलम बन हम सब अपनी अपनी राह चल देते हैं। कुछ हासिल होता है कुछ ख़ासारा होता कुछ ख़ुशियाँ कुछ दर्द कुछ सपने कुछ अपने कुछ रिश्ते कुछ कोशिशें। बस और इन्हीं में एहसास-ए-ज़िन्दगी खो जाती है! पीछे रह जाते हैं रेत के सेज़ हमारे कदमों के सिलवट और सिलवटों में क़ैद सैंकड़ों दास्तानें। इन सिलवटों और उनके दास्तानों का नाम ही तो है नक़्श-ए-पा