Nari Aur Kranti
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About The Book

नारी के जीवन में जो प्रफुल्लता शांति और आनंद होना चाहिए वह उसे उपलब्ध नहीं हो पाता है और नारी का आनंद बहुत अर्थपूर्ण है क्योंकि वह घर का केंद्र है। अगर घर का केंद्र उदास दीन-हीन थका हुआ हारा हुआ है तो सारा घर सारा परिवार जो उसकी परिधि पर घूमता है वह सब दीन-हीन उदास और हारा हुआ हो जाएगा।. About the Author ओशो विश्व-विख्यात भारतीय विचारक धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता थे। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे जिसकी वजह से वे विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। 1960 के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद महात्मा गाँधी और धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलोचक रहे।.
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