जब हम बच्चे होते है तो हमें पेन्सिल से लिखना सिखाया जाता है और फ़िर जब हम थोड़े बड़े होते है तो कलम से शायद इसलिए कि अब तक जो हम ग़लती करते थे उसे आसानी से मिटाया जा सकता था पर अब नही जीवन में गलती सब से होती है हम से भी कई दफ़ा हुई है मग़र एक ही गलती को बार बार दोहराना नहीं चाहिए बल्कि उसे सुधारना चाहिए। खैर हम इंसानों के दिमाग़ में ये बात कहा आती है इंसान का दिमाग़ इतना ही होता है कि अगर उसे जानवर कह दिया जाए तो वो नाराज़ हो जाता है और शेर कहो तो वो ख़ुषी से झूम उठता है.........