आकर्षण के नियम के अनुसार आपके संकल्प और इच्छाएँ समान संकल्पों और ऊर्जाओं से आकर्षित होती हैं और उनसे जुड़ जाती हैं। कंपन के नियम का कहना है कि आपकी हर अनुभूति एक कंपन पैदा करती है फिर वही कंपन ऊर्जा में बदल जाती है और संकल्प की प्रतिक्रिया पूरी करने लगती है। लेकिन जब आप तनाव में होते हैं तब आपकी संकल्पशक्ति न्यून हो जाती है। दरअसल जब आप किसी उद्देश्य या स्थिति की कामना करते हैं उसे मन से करना चाहते हैं तो सारी शक्तियाँ उसे आपको उपलब्ध करवाने के लिए सहयोग करने लगती हैं। इन सहयोगी शक्तियों में आपका मन सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो पढ़ाई में कुछ ख़ास नहीं कर सकें लेकिन जुनून और दूरदर्शिता के सहारे आज कामयाबी की बुलंदियों पर हैं। इसलिए जीवन में जब आप थोड़ा ऊपर उठ रहे हों या व्यावहारिक परिस्थितियों से पद-प्रतिष्ठा मिल रही हो तब सोचें कि मेरे भीतर के सर्वश्रेष्ठ को बाहर निकालना अभी बाक़ी है। अतः प्रयासरत रहना चाहिए।
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