Navdha Bhakti Yog
Hindi

About The Book

रामायण में भगवान श्रीराम ने शबरी को मोक्ष प्रदान करने की विधी नवद्या भक्ति के रूप में दी है। पश्चिम के रहस्य दर्शियों गुरुजीएफ. श्री जेम्स जे. लिन स्वामी चिदान्दागिरी रॉय यूजीन डेविस स्वामी क्रियानन्दा आदि और भारत में श्री श्यामाचरण लाहिडी महाशय श्री युकतेश्वर गिरी परमहंस योगानन्द नानक कबीर दादूदयाल रविदास तुलसीदास आदि सन्तों ने भक्ति को योग के प्रमुख साधन के रूप में माना है जिससे व्यक्ति सांसारिक जीवन में पूर्णता प्राप्त कर अध्यात्मिक परमपद को पा लेता है। यह पुस्तक नवद्या भक्ति के व्यवहारिक पक्ष का उल्लेख करती है। लेखक ने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एम. फिल. की उपाधि प्राप्त की है। अपने विद्यार्थी जीवन मे देवयोग से संत प्रणवानन्द जी महाराज के सम्पर्क में आए जो स्वयं परमहंस योगानन्द (योगी कथामृत के लेखक) के शिष्य थे। अपने गुरू के वचनों के अनुसार मानव उत्थान हेतु ईश्वरीय योग की चर्चा समाज में करते रहते हैं। नवद्या भक्ति योग पुस्तक इस सेवा का ही रूप है।
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