Neeti Shatak
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About The Book

नीति शतक भर्तृहरि के तीन प्रसिद्ध शतकों जिन्हें शतकत्रय कहा जाता है में से एक है। इसमें नीति सम्बन्धी सौ श्लोक हैं। नीतिशतक में भर्तृहरि ने अपने अनुभवों के आधार पर तथा लोक व्यवहार पर आश्रित नीति सम्बन्धी श्लोकों का संग्रह किया है। एक ओर तो उसने अज्ञता लोभ धन दुर्जनता अहंकार आदि की निन्दा की है तो दूसरी ओर विद्या सज्जनता उदारता स्वाभिमान सहनशीलता सत्य आदि गुणों की प्रशंसा भी की है।. About the Author भर्तृहरि संस्कृत मुक्तककाव्य परम्परा के अग्रणी कवि हैं। भारतीय साहित्य के इतिहास में भर्तृहरि एक नीतिकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके शतकत्रय की उपदेशात्मक कहानियाँ भारतीय जनमानस को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। प्रत्येक शतक में सौ-सौ श्लोक हैं। बाद में इन्होंने गुरु गोरखनाथ के शिष्य बनकर वैराग्य धारण कर लिया था इसलिए इनका एक लोकप्रचलित नाम बाबा भरथरी भी है।.