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About The Book
Description
Author
क्या नेताजी सुभाष चंद बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइहोकू (ताइपे ताइवान) में एक विमान हादसे में हो गई थी? क्या जोसेफ स्टालिन ने उन्हें साइबेरिया भेज दिया था? या उन्हें छोड़ दिया गया था जिसके बाद वह किसी तरह भारत पहुँच गए थे? क्या वही उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रहस्यमयी गुमनामी बाबा थे? यदि ऐसा है तो वह वापस कैसे लौटे? बोस भारत छोड़कर गए थे तो क्यों गए थे? क्या इसका कारण उनकी राजनीतिक सोच थी जिसका विरोध कांग्रेस हाई कमान कर रहा था जो जल्द-से-जल्द अंग्रेजों से सत्ता का हस्तांतरण चाहता था? अतीत तब जीवंत हो उठता है जब पत्रकार और लेखक किंशुक नाग सुभाष बाबू के और उनसे जुड़े प्रश्नों के उत्तर ऐसे समय में देने का प्रयास करते हैं जब पुराने दस्तावेजों और हाल ही में भारत सरकार की ओर से उनकी फाइलों को सार्वजनिक किए जाने के बाद इस बात में दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है कि नेताजी का क्या हुआ। यह पुस्तक भारत के सबसे करिश्माई नेताओं में से एक नेताजी सुभाष चंद बोस के जीवन की दिलचस्प गाथा है और दुनिया के सबसे गहरे रहस्यों में से एक का गहराई से विश्लेषण।.