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About The Book
Description
Author
निर्मला में मुंशी प्रेमचंद ने भारत के प्रारंभिक 20वीं सदी के समाज में महिलाओं की स्थिति उनकी चुनौतियों और संघर्षों को समझाने की कोशिश की है। निर्मला एक अभिन्न नायिका जो दायरे तोड़ने और अपने सपनों की तलाश में लगातार संघर्ष करती है इस कहानी का केंद्र बिंदु है।
निर्मला उपन्यास में विवाह बाल विवाह विधवा पुनर्विवाह धन के लोभ और सामाजिक अधिकारों के प्रति नारी के दायित्व के प्रति मुंशी प्रेमचंद की दृष्टि का दर्शन होता है। इस उपन्यास में निर्मला और उसके साथ जुड़े अन्य पात्रों के विचारधारा संवाद और कार्यों के माध्यम से प्रेमचंद ने उस समय के समाज की कठोरता और विरोधाभास को चित्रित किया है।
इस ग्रंथ के माध्यम से पाठक न केवल उस दौर के सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों को समझ सकते हैं बल्कि वे निर्मला की अदम्य प्रेरणा और व्यक्तिगत संघर्ष से सीख भी सकते हैं। यह उपन्यास नारी शक्ति प्रेम और आत्म-परिचय की यात्रा के संग्रामों और विजयों को अभिव्यक्त करता है। भारतीय साहित्य के प्रेमियों के लिए निर्मला एक अविस्मरणीय अनुभव होगा जो उन्हें एक समय की यात्रा में ले जाता है जहां वे सामाजिक मानदंडों के बीच निर्मला के निजी संघर्ष और विजयों का गवाह बन सकते हैं। इस अद्वितीय कहानी को अपने संग्रह में शामिल करें और मुंशी प्रेमचंद के इस अमूल्य रत्न का आनंद लें।