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About The Book
Description
Author
About the Book: निसर्ग विदेह अरविन्द कुमार की सात हिंदी कहानियों का संकलन! संकलन की पहली कहानी ‘मुलाक़ात एक बड़े लेखक से’ एक बड़े लेखक और एक आम आदमी के जीवन के साम्य और अंतर दोनों को ही उजागर करती है।‘फाड़ी हुई कविता’ एक ऐसे पति की व्यथा-कथा है जो एक कवि एवं साहित्यकार भी है। ‘नया साल’ में कुछ भी नया नहीं होता फिर भी सारी दुनिया किस कदर बाबली हुई रहती है। ‘हितैषिणी’ शादी जैसी संस्थाओं के पाखण्ड फ़रेब एवं परम्पराओं से चिपकाव की विद्रूपता पर सशक्त प्रहार करती है। ‘छोटे-से शरीर में क़ैदी’ शिशुमन की विवशता को चित्रित करती है वह पूरी तरह माँ-बाप की मूर्खताओं पर निर्भर रहने को विवश है । ‘निसर्ग’ एक रोमांटिक कहानी है। ‘टूट-टूट कर गिरते सितारे’ दिखाती है कि कैसे समाज अपने ही शिकंजे में फँसा रहकर ही परेशान होता रहता है। पढते रहिए पचाते रहिए। पसंद आए तो प्रशंसा भी कर दीजिए स्वीकार्य है! About the Author: ‘विदेह’ अरविन्द कुमार 6 अप्रैल 1957 को जन्मे एक छोटे से बसेरे से आए हुए अत्यंत अभावग्रस्त माता-पिता की संतान जिन्हें खाने-कमाने का तो शऊर ख़ैर नहीं था किंतु जो उच्च आदर्शों के साथ जीते थे और व्यवसाय के नाम पर अध्यापन या ट्यूशन देकर आजीविका कमाने की कोशिश करते थे ‘विदेह’ अरविन्द कुमार भौतिकी में स्नातकोत्तर हैं साथ ही एक वरिष्ठ बैंकर भी रह चुके हैं। उनके शौक़ों में पढ़ाई - चाहे वह हिंदी साहित्य हो चाहे अंग्रेज़ी लिटरेचर या कुछ-कुछ संस्कृत साहित्य - मुख्य है जिसमें वह विश्व-साहित्य को प्राथमिकता देते हैं। उनकी रचनाएँ ‘कादम्बिनी’ जैसी लब्ध-प्रतिष्ठ पत्रिकाओं में काफ़ी पहले छप चुकी हैं और उनके अन्य लेख एवं कविताएँ अन्य हिंदी अंग्रेज़ी पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं।