निशान वह किताब है जिसने वो काम किया है जिसे हम प्रत्यक्ष रूप से नहीं कर पाते है और जिसकी आज के समय में परम आवश्यकता है। वो काम है हमारे मन-मस्तिक में छिपे उस दर्द को बाहर निकालना जो कभी हमें अपनों ने दिया है तो कभी गैरों ने। । मनुष्य के दर्द की हर एक रहा दिल से होकर गुजरती है जिसको कुछ कवियों के कर-कमलों ने ऐसी कविता रूपी किताब में संजोया है कि वह इस संसार में ऐसा निशान छोड़ जाएगी जो इस संसार में हमेशा-हमेशा के लिए प्रसिद्ध रहेगा।About the Compilersशैफाली सिंह - शैफाली सिंह 22 वर्षीय कवियत्री है। इनका कहना है कि लेखन ही एकमात्र ऐसा कार्य है जो इन्हे शांति देता है। जड़-चेतन पुस्तक के बाद यह इनकी तीसरी पुस्तक है। इन्हे पुस्तकें पढ़ना बहुत पसंद है खासकर हिंदी लेखक जैसे मुंशी प्रेमचन्द रबीन्द्रनाथ ठाकुर और अन्य। इन्हे पेड़ों और पशु पक्षियों से प्रेम है। साथ ही ये वसुधैव कुटुंबकम का प्रचार करती है।डॉ. पवन कुमार सोम - डॉ. पवन कुमार सोम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के ग्राम कुशावाली के रहने वाले हैये सनातन संस्कृति पत्रिका (लकुलीश सनातन संस्कृति प्रबोधन अभियान) के वर्ष 2011 में आधारभूत संपादक रह चुके हैं। ये अल्पायु में ही एक गंभीर बीमारी के चलते पूर्ण रूप से दिव्यांग हो गए। वे दैनिक जागरण समाचार पत्र और कबीर सरगम टुडे जैसी पत्रिका में कविताएं लिख चुके हैं। इन्हें सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ कॉलेज राजपूत उत्थान आदि सस्थाओ से सम्मान मिल चुका है।
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