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About The Book
Description
Author
बेस्ट सेलर ‘मसाला चाय’ और ‘शर्तें लागू’ लिखने के बहुत समय बाद तक दिव्य प्रकाश दुबे को यही माना जाता था कि वे ठीक-ठाक कहानियाँ लिख लेते हैं। लेकिन अब जब वे स्टोरीबाज़ी’ में कहानियाँ सुनाते हैं तो लगता है कि वे ज्यादा अच्छी कहानियाँ सुनाते हैं। TEDx में बोलने गए तो टशन-टशन में हिंदी में बोलकर चले आए। इनकी संडे वाली चिट्ठी बहुत पॉपुलर है। तमाम लिटेरचर फेस्टिवल्स इंजीनियरिंग एवं MBA कॉलेज जाते हैं तो अपनी कहानी सुनाते-सुनाते एक-दो लोगों को लेखक बनने की बीमारी दे आते हैं। पढ़ाई-लिखाई से B.Tech-MBA हैं। साल 2017 में MBA टाइप नौकरी को अलविदा कह चुके हैं। साल 2016 में छपे अपने उपन्यास ‘मुसाफिर Cafe’ की बंपर सफलता के बाद दिव्य प्रकाश नई वाली हिंदी’ के पोस्टर-बॉय की तरह देखे जाने लगे हैं। यह इनकी चौथी किताब है।