दिव्यांग लेखक कपिलदेव प्रसाद यादव इस - पुस्तक में ईश्वर प्रतिनिधियों के अवतार एवं उनकी सत्य पारदर्शिता पर चर्मोत्कृष्ट एवं सर्वागीण तथ्य पर बल प्रवाहित किये हैं। इसके साथ-साथ मृत्यु और भगवान ओशो के अवतार के घटनाक्रम के कि साक्षी होने के कारण विश्व समुदाय के सामने यह सुनिश्चित किये हैं कि माँ के गर्भ से कोई भी भ्रूण अवतरित भगवान नहीं होता। भगवान ओशो के विचार आज भी समाज में व्याप्त हैं।
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